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“आने वाले महीने में मेरा उद्देश्य अपनी कोर टीम को मज़बूत करना होगा।“

प्रिय साथियों,

इस माह अत्यधिक शिक्षा की प्राप्ति हुई। हमारा उद्देश्य उच्चतम पैकिजिंग के द्वारा धरती की स्वच्छता की ओर योगदान है, और इस मुक़ाम पर पहुँचने के लिए हमें बड़े कदम उठाने होंगे। इस प्रक्रिया में हमारी कोशिश थी कि हम विश्व स्तरीय विस्तारीकरण की ओर कदम बढ़ाएँ।

पिछले 40 वर्षों में हमने बग़ास के बारे में काफी जानकारी हासिल की है और हमारा मानना है कि इस फ़ाइबर को उपयोग कर हम अच्छे पैकिजिंग का उत्पादन कर सकते हैं। कई देशों की यात्रा के बाद हमें ग्वाटेमाला नाम का देश रास आया, जहां हम अपना नया प्लांट सेट कर सकते हैं। इस स्थान को चयन करने का मुख्य कारण वहाँ के सकारात्मक लोग और वहाँ पर मौजूद कई बड़े स्तर वाली चीनी कंपनियाँ थी।

हमने सभी कंपनियों से मुलाक़ात की परंतु पिछले कई महीनों के प्रयत्न के बावजूद कोई परिणाम नहीं मिल रहा था क्योंकि सभी कंपनी बग़ास को ईंधन जैसे प्रयोग कर बिजली उत्पादन में लगी थी और ऐसा लग रहा था की अपने दिए भाव उनको रास नहीं आ रहे। हम प्रयास में लगे रहे परंतु ऐसा महसूस होने लगा था कि शायद हमें दूसरा स्थान ढूँढना पड़ेगा। फिर हमने मेक्सिको की यात्रा कि क्योंकि वहाँ पर स्थापित एक कंपनी हमारे प्रोजेक्ट में ख़ास रूचि ले रही थी। किन्ही कारणो द्वारा मुझे मेक्सिको के बारे में सोच कर शांति महसूस नहीं हो रही थी परंतु इसके बावजूद हम इच्छुक कंपनी के साथ वहाँ गए परंतु इस बार भी कुछ उत्सुकता नहीं महसूस हुई।

ग्वाटेमाला में भी हमने कार्यवाही जारी रखी और रुख़ बदलने लगा। इस बार की यात्रा बहुत ही रोमांचक थी। हम चार लोगों की टीम ने ग्वाटेमाला की यात्रा की – हिमांशु वित्त के जानकार थे, कार्तिक मार्केटिंग के, साल्वा लोकल व्यापार की जानकारी रखते थे और मैं अपने उत्साह के साथ मौजूद था। मारिया नाम की एक अत्यधिक प्रभावशाली स्त्री  भी हमारे साथ शामिल हों गयी और उन्होंने कार्य बढ़ाने के उपलक्ष्य में एक बड़ा समारोह आयोजित किया जिसमें उन्होंने सभी चीनी कम्पनियों के उध्योगपति, वित्त से जुड़े बैंकर और कुछ और सम्बंधित व्यक्तियों को आमंत्रित किया। भारत के राजदूत श्री मनोज महापत्रा भी मौजूद थे।

यहाँ पर हमने एक बार फिर अपने प्रोजेक्ट पर प्रकाश डाला और लोगो में उत्साह बड़ाया। इसके अलावा हम फिर सभी चीनी कम्पनियों से भी मिले। अंत में तीन चीनी कम्पनियों ने प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के लिए हाँ कहा और उस क्षेत्र के सबसे बड़े डेवलपमेंट बैंक ने भी आशा जतायी की वह इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना चाहेगे।

इस पूरी प्रक्रिया में हमें कई सीख मिलीं।

इसके अलावा एक और बड़ी उपलब्धि है कि प्रोजेक्ट जागृति आगे बढ़ रहा है। बहुत सारे विचार और सम्भावनाएँ देखने के बाद हम निष्कर्ष पर पहुँचे और अब कार्य को तेज़ी पकड़ानी होगी। गुरुनाथ जी अपने प्रोजेक्ट हेड के पद पर आ रहें हैं और हमें आशा है कि उनके आने से बदलाव आएगा क्योंकि उनको कई बड़े प्रोजेक्ट का अनुभव है।

इसके अलावा अपने लिए एक और बड़ी ख़बर है कि मेरे प्रिय मित्र व सहभागी डॉक्टर रामजी सुब्रमणिम इन्नोवेशन हेड के पद पर अपने साथ सम्मिलित हो रहे हैं। रामजी बैंगलोर स्थित लैब का बीड़ा उठाएँगे और आगे आने वाले समय के लिए नए-नए प्रोडक्ट की ओर प्रयोग कर मार्केट में उतारेंगे। मुझे भरोसा है कि उनके नेतृत्व में अपनी प्रगति की गति और बड़ेगी।

आने वाले महीने में मेरा उद्देश्य कार्य में फ़ोकस लाना और अपनी कोर टीम को मज़बूत करना होगा।

आपके सुझावों और विचारों के इंतेज़ार में!

आपका,

वेद

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