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कागज की रीसाइक्लिंग-रिकवरी संघ

कागज की रीसाइक्लिंग

यह प्रयोग हो चुके कागज को फिर से काम का कागज बनाने की पर्यावरणअनुकूल प्रक्रिया है। देश में रोजाना टनों कागज की खपत होती है और लेखन तथा मुद्रण के लिए उपयोग किए जाने के बाद इसे आमतौर पर बेकार सामग्री के रूप में फेंक दिया जाता है। रीसाइक्लिंग की जाए तो यह कागज कचरे के बड़े ढेरों में बदलकर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और प्रदूषण जैसी समस्याओं में योगदान देता है। कागज की रीसाइक्लिंग रद्दी कागज को नए कागज में बदलकर कई समस्याओं को दूर कर सकती है। पेड़ों को काटने से बचाने के अलावा भी ऐसा करने के कई महत्त्वपूर्ण लाभ हैं। इस प्रकार तैयार होने वाले कागज को लकड़ी के गूदे से बनने वाले नए कागज की तुलना में कम ऊर्जा और पानी की जरूरत होती है। ऐसा करने से बेकार कागज को गड्ढों में सड़ते हुए मीथेन पैदा करने से बचाया जा सकता है। अमरीका में अब सभी कागज उत्पादों का लगभग दो तिहाई नवीनीकृत अथवा रीसाइकिल होता है, हालांकि सारा नया कागज इसी से नहीं बनता।

रीसाइकल्ड कागज बनाने के कच्चे माल के रूप में उपयोग किए जा सकने वाले कागज की तीन श्रेणियाँ हैं:

मिल ब्रोक में कागज निर्माण के दौरान की जाने वाली कटाईछंटाई से बचे कागज और किसी अन्य खराबी वाले कागज को मिल में रीसाइकिल किया जाता है। अप्रयुक्त कागज अपशिष्ट ऐसी सामग्री को कहते हैं जो कागज से उपभोक्ता तक पहुँचने के लिए निकलता तो है लेकिन उपयोग के लिए तैयार होने से पहले छोड़ या छांट दिया गया होता है। उपभोग के बाद निकलने वाली अपशिष्ट सामग्रीजैसे पुराने गत्ते के डिब्बे, पुरानी पत्रिकाएँ और समाचार पत्र आदि तीसरी श्रेणी है। 

स्क्रैप पेपररीसाइकिल के लिए उपयुक्त कागज को स्क्रैप पेपर कहा जाता है, जिसका उपयोग अक्सर लुगदी से ढाली गई पैकेजिंग सामग्री बनाने के लिए किया जाता है। स्याहीमुक्त लुगदी बनाने के लिए रीसाइकल्ड कागज के रेशों से छपाई में प्रयुक्त स्याही हटाने की औद्योगिक प्रक्रिया को डीइंकिंग कहा जाता है।

रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया

रीसाइक्लिंग प्रक्रिया की शुरुआत होती है कागज का उपयोग करने वाले स्रोतों जैसे घरों, कार्यालयों और विश्वविद्यालयों से रद्दी कागज इकट्ठा करने के साथ।

रद्दी कागज एकत्र करने के बाद उसे अलगअलग श्रेणियों के कागजों में छांटा जाता है ताकि अलगअलग तरह के कागज का एक ढेर बनाया जा सके। इस रद्दी कागज की श्रेणियाँ तय करना आवश्यक है क्योंकि इसी से उससे तैयार होने वाली लुगदी में रेशों की मात्रा का निर्धारण किया जाता है।

छांटे कागज को फिर साबुन, कास्टिक सोडा, हाइड्रोजन पैराक्साइड और पानी के साथ मिलाकर लुगदी में बदला जाता है। इस प्रकार तैयार लुगदी में से विजातीय सामग्रियाँ जैसे स्टेपल और प्लास्टिक आदि अलग करने के लिए उसे छाना जाता है। इस लुगदी को बारबार डीइंकिंग प्रक्रिया से गुजारा जाता है ताकि यह सफेद हो जाए। सफेद लुगदी को रोलर्स में डाला जाता है जिससे इसका अधिकांश पानी अलग हो जाता है। इसके बाद इसे ड्रायर पर ले जाया जाता है। अंत में, लगभग सुखी लुगदी को इस्तरीबोर्ड जैसी मशीन में डालकर वांछित श्रेणी के कागज में बदला जाता है। 

यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि कागज की रिसाइक्लिंग की तुलना एल्युमिनियम या अन्य धातुओं की रीसाइक्लिंग के साथ नहीं की जा सकती। कागज की रीसाइक्लिंग में उसके रेशों की लम्बाई कम हो जाती है। यह रीसाइक्लिंग अंततः एक ऐसे एक बिन्दु पर पहुँच जाती है जिसके आगे इसे और रीसाइकल नहीं किया जा सकता।

इन कागजों की होती है रीसाइक्लिंग

छंटा हुआ कार्यालय अपशिष्टकार्यालयों और विभिन्न संगठनों से एकत्र किए गए विभिन्न प्रकार के कागज जैसे नोटपैड, बुकलेट, फ्लायर, व्हाइट/पेस्टल कॉपी और लेखन का कागज, सफेद/पट्टीदार कम्प्यूटर पेपर, लेटरहेड और लिफाफे आदि।

मिश्रित कागज  – विभिन्न प्रकार के कागजात जिन्हें छांटा गया हो और उनमें कार्यालय के कागजात के साथसाथ अखबारी कागज, पत्रिकाएँ आदि शामिल हो सकती हैं।

कागज रीसाइक्लिंग के लाभ

निरंतरताजंगल कम होते जा रहे हैं और इससे उभरी चिंता से पेड़पौधों को रोपने की भावना जगी है। पेड़ लगाने और उनकी कटाई के साथ वन्यजीवों, पौधो, मिट्टी और पानी की गुणवत्ता के दीर्घकालीन संरक्षण के प्रयास किए जाते हैं।

पर्यावरणीय प्रभावकागज का प्राथमिक घटक लकड़ी का गूदा है जो पेड़ों से प्राप्त होता है। रीसाइक्लिंग के परिणामस्वरूप कागज के लिए कच्चे माल के रूप में लकड़ी का उपयोग कम हो जाता है, जिसका मतलब है वनों का कम क्षरण और अनेक अन्य पर्यावरणीय लाभ।

उत्सर्जन में कमीरीसाइक्लिंग से कागज बनाने पर ऊर्जा की कम खपत होती है जिससे वायुमंडल में कम ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। चूंकि अपघटन से मीथेन का उत्सर्जन होता है, इसलिए रीसाइक्लिंग से इसमें भी कटौती होती है।

फाइबर की आपूर्तिरीसाइकल्ड कागज सुनिश्चित करता है कि कागज बनाने के लिए ताजा रेशों की उपलब्ध आपूर्ति को लम्बे समय तक चलाया जा सके। इससे कार्बन अधिग्रहण होता है, जिसका अर्थ है मिट्टी में अधिक कार्बन की आपूर्ति।

जल की खपत एकदम नया कागज बनने में पुनर्चक्रण की तुलना में बहुत अधिक पानी की खपत होती है, इसलिए अपशिष्ट कागज के पुनर्चक्रण से पानी की पर्याप्त मात्रा में बचत होती है। 

पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने के लिए कागज की रीसाइक्लिंग आज दुनियाभर में प्रचलित हो रही है।

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