
कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) सत्र में डॉ. पीयूष गुप्ता जी ने हमें बताया कि आपातकालीन स्थितियों में जब किसी व्यक्ति की हृदय गति स्ट्रोक या किसी अन्य गंभीर स्थिति के कारण अचानक बंद हो जाती है, तब हम CPR के माध्यम से उसकी जान बचा सकते हैं। यह एक जीवन रक्षक प्राथमिक चिकित्सा प्रक्रिया है, जो तब की जाती है जब हृदय और श्वसन प्रणाली काम करना बंद कर देती है।
CPR की महत्वपूर्ण बातें:
✔ सीपीआर का उद्देश्य – रक्त संचार को बनाए रखना और ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
✔ कैसे करें सीपीआर – छाती पर बार-बार दबाव देकर (चेस्ट कंप्रेशन) और कृत्रिम सांस देकर व्यक्ति की हृदय गति और श्वसन बहाल करने का प्रयास किया जाता है।
✔ कब करें CPR – जब व्यक्ति बेहोश हो, सांस न ले रहा हो या उसकी नब्ज न महसूस हो रही हो।
सीपीआर करने की प्रक्रिया:
- पीड़ित को सपाट सतह पर लिटाएं।
- उसके सिर को हल्का पीछे की ओर झुकाकर श्वसन मार्ग खोलें।
- दोनों हाथों से छाती के बीचों-बीच 30 बार दबाव दें (प्रति मिनट 100-120 कंप्रेशन)।
- हर 30 कंप्रेशन के बाद 2 बार मुंह से मुंह में सांस दें।
- यह प्रक्रिया तब तक जारी रखें जब तक मेडिकल सहायता न आ जाए।
CPR एक ऐसी तकनीक है जिसे हर व्यक्ति को सीखना चाहिए, क्योंकि यह जीवन बचाने में अत्यंत सहायक साबित हो सकती है।