धरा धारणी धैर्या

Harsh Raj (PVS)

अक्टूबर, 2024 |

आज हम मानव जीवन तकनीकी एवं विकास के मामले हर क्षेत्र में अग्रसर हैं परंतु इस विकास की होड़ में कही न कही हम उस धरती जिसे हम धारणी भी कहते है क्युकी इस धरती ने ही हमे धैर्य के साथ सभी विषम परिस्थिति को झेलते हुए भी अब तक हमे धैर्य के साथ धारण किया है मगर ये तो सत्य है कि विकास के समांतर विनाश भी चलती है परंतु अगर हम चाहते हैं की हमारी आने वाली पीढ़ी भी इस स्वस्थ और सुंदर धरा का प्रयोग  कर सके और आनंद ले सके तो हम अभी से ही समय रहते है उत्तम कदम उठाना होगा और  अपने  आने वाले पीढ़ी के लिए धैर्य से धारणी को सुरक्षित करने होगी । वैसे तो धरती धैर्य है और समस्त समाज की धरती माता भी और वो विषम परिस्थितियों को झेलते हुए धारण भी कर रखा है,पर आख़िर कब तक ?

क्या ये हमारा कर्तव्य नही की हम भी इसके लिए कुछ सोचे कुछ करे इसलिए हमे अपनी धरती की देख भाल समय रहते करनी होगी ताकि हम इसे अपने आने वाले पीढ़ियों के लिए संभाल के रख सके और उन्हें एक पवित्र ,हरित एवं स्वस्थ जीवन देनी की कोशिश करे , ऐसे तो लाखो तरीके है जिसे हम प्रयोग करके इसकी रक्षा कर सकते है पर ये तो सब जानते है बूंद बूंद से ही सागर भरता हैं तो हमें उसी प्रकार एक कदम हर रोज उठाना चाहिए वैसे तो कहने और करने को बहुत कुछ है और विचारों और प्रयासों की सीमा आसमान  ही है पर अगर हम रोज के कार्य प्रणाली  में  इसे ढलने की कोशिश करे तो हम पूर्णतः एक कदम संरक्षण की ओर बढ़ा पाएंगे और  अपने मंजिल को पाने में सफल होंगे तो आइए हमलोग एक कदम अपनी टीम के साथ उठाए और प्रण ले की हम  वैसे पदार्थों का और उन प्रोडक्टों का प्रयोग करेंगे  जो हमारे धरती के फर्टिलिटी और अन्य प्रॉपर्टीज को सही रखे  जो की आसानी से  प्रयोग के बाद धारी में बायोडेग्रेड हो जाए  और पृथ्वी की गुणवत्ता को सही रखने में योगदान दे सके ।

क्युकी हम अपने उत्पादों के उत्पादन हेतु बगास जो की sugarcane ( गन्ने ) के पूर्णतः प्रयोग होने के बाद बचा हुआ अवशेष होता है उसे हम अपने प्रारंभिक raw material के तरह। उपयोग करते है क्युकी इसमें सेल्यूलोज की मात्रा 35 से 40% तक होती है जो की पेपर और अन्य पल्प उत्पादों के लिए श्रेषकर हैं इसमें लिगनीन 25 से 30% तक पाया जाता है जिसे हम कुकिंग एवं वाशिंग की सहायता से यथोचित रिमूव करते है और जैसा की बगास एक नेचुरल बाइप्रोडक है तो इसे उपयोग के बाद बायोडेग्रेडर होने में ज्यादा समय नहीं लगता एवं ये प्लास्टिक अथवा अन्य पॉलिमर से बने उत्पादों के अपेक्षा  धरा को सुरक्षित रखने के लिए  श्रेष्ठ एवं आर्थिक रूप से भी सज्य हैं।

जिससे हमारे धरती को कम से कम नुकसान हो और उसकी मर्यादा एवं गुणवत्ता बनी रहे जैसे की कंपोस्टेबल टेबलवेयर , रिसाइकल्ड उत्पाद और लोकल बनी हुई जुट की और बायोडिग्रेडेबल  पदार्थों से रचित वस्तु का प्रयोग करे और अपनी धारणी अपनी धरती को कल के लिए स्वस्थ करे और संरक्षित कर सके।

0 0 votes
Article Rating
guest

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
Back to top button
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x