नई सोच : पर्यावरण सेवा संघ – विजय श्रीवास्तव

अगस्त, 2022 |

एक छोटा सा जंगल- मियावाकी

यश पैका, दर्शन नगर, अयोध्या में हमारी प्रगति कॉलोनी और यश आईटीआई के बहुत करीब मियावाकी पद्धति के माध्यम से लगभग 2600 वर्गमीटर के क्षेत्र में 5000 से अधिक पौधों का एक छोटा सा जंगल बनाया गया है। यह विधि प्रकृति में प्रक्रियाओं और विविधता से सीधे प्रेरणा लेती है:- पेड़ों और झाड़ियों की 15 से 30 विभिन्न प्रजातियों को एक साथ लगाया जाता है। मियावाकी के अंतर्गत विकसित वन 10 गुना तेजी, 20 गुना अधिक विविधता और 30 गुना अधिक घनत्व से बढ़ता है।

अकिरा मियावाकी (जनवरी 1928 से जुलाई 2021 तक) एक जापानी वनस्पतिशास्त्री और पादप पारिस्थितिकी के विशेषज्ञ थे, जो बीज और प्राकृतिक वनों में विशेषज्ञता रखते थे। वह विश्व भर में अवक्रमित भूमि की प्राकृतिक वनस्पति बहाली में एक विशेषज्ञ के रूप में सक्रिय थे। वह योकोहामा नेशनल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एमेरिटस हुए और 1993 से जापानी अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र में पारिस्थितिकी के निदेशक थे। उन्हें 2006 में ब्लू प्लैनेट पुरस्कार मिला।

0 0 votes
Article Rating
guest

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Back to top button
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x