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पैका के साथ मेरी यात्रा: विकास और सीख का सफर

मैंने 1992 में पैका में कदम रखा और यूनिट नंबर 2 में श्री के.के. झुंझुनवाला के नेतृत्व में काम शुरू किया। एक यूनिट से हमने दो यूनिट तक विस्तार किया, और आज हम गर्व से यूनिट नंबर 3 के साथ काम कर रहे हैं। इस प्रगति के सफर को देखना बेहद प्रेरणादायक रहा है, और मैं उत्सुक हूं कि भविष्य में यूनिट नंबर 4 भी आकार ले।  

जैसे-जैसे मैं अपनी सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच रहा हूं, मैं इस अद्भुत यात्रा को गर्व और आभार के साथ देखता हूं। इस दौरान सीखे गए सबक, बनाए गए रिश्ते और हासिल किए गए मील के पत्थर मेरे दिल के करीब रहेंगे। आगे बढ़ते हुए, मैं अपने परिवार के साथ समय बिताने और एक नई शुरुआत करने के लिए एक मेडिकल स्टोर खोलने की योजना बना रहा हूं।  

मैं पैका में बिताए इन वर्षों के लिए आभारी हूं और उत्साहित हूं कि यह संगठन आने वाले समय में और अधिक प्रगति और सफलता हासिल करेगा। 

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