सफलता के लिए काम में उत्कृष्टता का महत्व

- Ved Krishna

मई, 2024 |

प्रिय साथियों,

इस माह एहसास हुआ कि कैसे एक छोटे से उपाधि व ज़िम्मेदारी में बदलाव से कार्यशैली में अनेक परिवर्तन आते हैं।

जैसा कि आप में से अनेक साथियों को ज्ञात है, मेरी कोशिश रही है कि उपाधियों से आकर्षित ना हूँ और एक कार्य की और निगाह बनाये रखूँ। इसी कारण से मैंने ‘स्ट्रेटेजी लीड’ या ‘फाउंडर’ की उपाधियों को इस्तेमाल किया और मेरी कोशिश रही कि संस्थान में भी अहम को कम रखने की कोशिश में हम सब ऐसी उपाधियाँ जिनसे कोई दर्जा प्रतीत होता हैं उन्हें ना अपनायें। इन कारणों की वजह से हम सब की उपाधि या तो ‘ट्रेनी’ की है या ‘हेड’ की।

स्ट्रेटेजी लीड के रोल के कारण मेरी कोशिश रही है कि मैं भविष्य को रूप देने में ज़्यादातर समय का उपयोग करूँ और अन्य साथियों को वर्तमान के परिणामों को हासिल करने के लिए प्रेरित रखूँ। इस माह कुछ ऐसी जागरूकता हुई जिससे सोचने के तरीक़े में बदलाव आ रहा है।

हमने पिछले वर्ष कुछ लक्ष्य निर्धारित किए थे और उनकी डंके की चोट पर घोषणा की। हम अपने लक्ष्यों से बहुत दूर रह गये जिसका मतलब है कि नेतृत्व में कमी रही। जब हम इसी भी योजना की पूर्ण ज़िम्मेदारी लेते हैं हमें सारे बहाने छोड़ने पड़ते हैं- बाज़ारी स्तिथि, प्रोजेक्ट में देरी, टीम मेम्बर की नाकामी, प्रोडक्ट का फेलियर, ग़लत आँकलन, अपना फोकस इत्यादि सब मन को बहकाने के तरीक़े हैं। कोई भी वचन को नहीं पूरा करने के हज़ार बहाने हो सकते हैं परंतु वह किसी भी स्तिथि का हल नहीं हैं। हम सब ने एक विशाल लक्ष्य क़ायम किया है और उस पर जी जान लगाना होगा। अगर छोटे पड़ावों पर फिसलेंगे तो बड़े हासिल करना असंभव है।

इन परिणामों को देख कर प्रतीत होता है कि मेरे नेतृत्व में अत्यधिक कमी है और सुधार की आवश्यकता है। इसके मुझे दो हल सूझे। मैं कोशिश कर सकता हूँ कि किसी और अनुभवी लीडर को खोजूँ और उसके हाथ में बागडोर दूँ जिससे की हम आगे के लिए और ठोस जीव रख पाएँ, या फिर अपनी कार्यप्रणाली और क्षमता पर और काम करूँ। आसान तरीक़ा पहला है परंतु सोचने पर एहसास होता है कि हम अपने स्वप्नों को ‘आउटसोर्स’ नहीं कर सकते। अगर हम सपने देखते हैं तो उनको साकार करने की ओर प्रयत्न करना भी हमारा जिम्मा है।

हमें मिल कर अपनी सोच, स्ट्रक्चर और सिस्टम पर कार्य करना होगा जिससे की हम लक्ष्यों को प्राप्त कर पायें। इस दिशा में मेरी कुछ प्राथमिकताएँ हैं जिस पर मैंने कार्य करना चालू किया है:

  • संस्थान का ढाँचा सभी के लिए क्लियर होगा
  • सभी की प्राथमिकताएँ, ज़िम्मेदारियाँ और जवाबदेही भी साफ़ होनी होंगी
  • सभी इनसेंटिव्स वि प्रोत्साहन के माध्यम लक्ष्यों से संबंधित होने होंगे
  • सही मानक स्थापित कर उनको मॉनिटर करने की विधि निर्धारित करनी होगी
  • दिशा परिवर्तन की ज़रूरत व उनके प्रभावपूर्ण होने पर कार्य करना होगा

मेरा प्लान है कि आपके साथ मिल कर इन सब दिशाओं पर कार्य होगा और इस माह स्थापना हो जाएगी। इसके साथ मैं सही मार्गदर्शन के लिए नये बोर्ड मेम्बर व कोर टीम सदस्यों की खोज पर लगा हूँ।

हम प्रोजेक्ट कावोक के माध्यम से एक विश्व स्तरीय निवेश की ओर बढ़ रहें हैं और यह सभी अंश निवेशकों के लिए भी अत्यधिक आवश्यक हैं।

महीने के शुरुआत में हिमांशु और मुझे ग्वाटेमाला टीम के साथ समय प्राप्त हुआ और हमने आने वाले वर्ष के टार्गेट्स का निर्धारण किया व निवेश की प्लानिंग भी की। प्रोजेक्ट की बेसिक इंजीनियरिंग आगे बढ़ रही है और टीम कार्यरत है कि हम अक्तूबर माह तक सभी मुख्य ऑर्डर्स देने के लिए सक्षम हों पाएँ।

हमारे लिए गर्व की बात है कि श्री विक्टर अलकान्तर ने प्रोजेक्ट लीडर की कमान पकड़ी। विक्टर मेक्सिको देश के निवासी हैं और उन्हें कई अलग अलग उद्योगों का अनुभव है। मुझे विश्वास है कि जैसे जैसे अपनी ग्वाटेमाला टीम और तगड़ी हो रही है प्रोजेक्ट भी और गति पकड़ेगा।

ग्वाटेमाला की मायन संस्कृति भी बहुत प्राचीन है और हमारी संस्कृति से मिलती जुलती कई प्रतिक्रियाएँ हैं। मेरा मानना है कि किसी भी जगह की जानकारी के लिए वहाँ के इतिहास और सोच को समझना ज़रूरी है। खोजते खोजते मेरी मुलाक़ात वहाँ की संस्कृति की अत्यधिक जानकारी रखने वाली श्रीमती मोनिका बर्ज़र से हुई और उन्होंने ने अपना मार्गदर्शन करना चालू किया। अपने प्रोजेक्ट का कावोक नामकरण भी उनके द्वारा किया गया और इस बार वह मुझे वहाँ के कुछ ऐतिहासिक स्थान देखने और वहाँ के पुरोहितों के आशीर्वादों के लिए ले गयीं। अपने प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने एक पूजा रखी जिससे की हम वहाँ के प्राचीन आत्माओं से आशीर्वाद ले पाएँ। यह प्रक्रिया अत्यधिक रोमांचक और प्रभावशाली थी। मुझे एक महत्वपूर्ण गुफा में ले जाया गया और वहाँ पूरी प्रक्रिया हुई जो मुझ जीवन भर याद रहेगी। मेरी कोशिश रहेगी कि आप में से भी जो साथी ग्वाटेमाला जायें उन्हें यह अनुभव भी प्राप्त हों।

एडुआर्डो और मैं पिछले कुछ महीनों से अपने USA के लीडर की खोज में लगे थे जिससे की यहाँ कारोबार स्थापित हो पाये और हम अपने उत्पाद ला कर बाज़ार का जायेजा कर पायें। बहुत खोज के बाद शी टेड देहान अपने साथ शामिल हो रहें हैं और हमें अत्यधिक ख़ुशी है कि टेड को दोनों  फ़ूड सर्विस व फ्लेक्सिबल पैकेजिंग का अनुभव है और उससे भी ज़्यादा महत्वपूर्ण बात है कि वह एक बहुत नेक और स्वावलंबी इंसान हैं। मुझे पूरा भरोसा है की आपको उनके साथ कार्य करने में आनंद आएगा।

उनके साथ जुड़ने से अपनी पोर्टलैंड स्थित टीम की बढ़ोतरी हो रही है और धीरे धीरे यहाँ हम अपने को और स्थापित कर पायेंगे।

हम सब ने मिल कर इस वित्त वर्ष के लक्ष्य निर्धारित कितने हैं। यह अत्यधिक आवश्यक है कि हम सब अपने अपने कार्यों को संस्थान के लक्ष्यों पर आधारित करें और यह निर्धारित करें कि सभी लक्ष्य का मूल्यांकन व आँकलन हो पाये। हम सब जब अपने अपने कार्यों में उत्कृष्टता लायेंगे तब पैका अपने आप लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होगा।

शुभकामनाओं सहित,

आपका,

वेद

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