“सभी संस्थाएँ एक ही उद्देश्य के अलग पहलू हैं”

Ved Krishna

फ़रवरी, 2023 |

प्रिय साथियों,

पिछले कुछ महीनों में मैंने महसूस किया कि हम बिखर रहें हैं। हमारा उद्देश्य एक है- धरती माँ की स्वच्छता की ओर योगदान और इसका माध्यम है विश्व स्तरीय पैकेजिंग व्यापार की ओर प्रयत्न। इस प्रक्रिया में हमने अलग अलग संस्थाओं का गठन किया- इनोवेशन के लिये इंपैक्ट, विक्रय के लिए कंपोस्टेबल्स, जानकारी और सहयोग के लिये GCA, विश्व विस्तार के लिये पैका इंक और सामाजिक गुणवत्ता के लिए फाउंडेशन। अलग संस्थाओं को स्थापित करने का उद्देश्य था कि हर क्षेत्र में अपनी क्षमता में वृद्धि की संभावना बड़ेगी परंतु अभी तक हम इस कार्य में सफल नहीं हैं। हमें अपनी कार्य प्रणाली में कई सुधार करने होंगे, मैं अपने विचार आपके समक्ष रख रहा हूँ और आशा करता हूँ की आप अपने दृष्टिकोण के द्वारा मार्गदर्शन करेंगे।

सभी संस्थाएँ एक ही उद्देश्य के अलग पहलू हैं। हम इन्हें आंतरिक संघों द्वारा भी रख सकते थे परंतु अलग संगठन बनाने का कारण था गुणवत्ता में वृद्धि। अपने पैरो पर अगर खड़ा होना है तो ग्राहक को कुछ ऐसा प्रदान करना होगा जिसके लिए वह आपको अच्छा मूल्य देना चाहे। अगर हम अवसामान्य प्रोडक्ट मार्केट में देते हैं तो ज़्यादा दिन दुकान नहीं चलती। हमारा उद्देश्य है कि हर क्षेत्र में गुणवत्ता लायें जिससे की अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में सफल हो पाएँ।

  • यह देखा गया की कई कार्य दोहराए जा रहें हैं जिससे कि लागत में इज़ाफ़ा हो रहा है। कई सेवाएँ जैसे की वित्त, मानव विकास, ब्रांडिंग और लीडरशिप को सामान्य रखना होगा।
  • जहां हम सेवाएँ सामूहिक रख सकते हैं वहाँ रखना होगा- जैसे की बैंगलोर में जीसीए और इंपैक्ट का ऑफिस व एडमिन एक होना चाहिए।
  • वित्त व्यवस्था में सुधार करना होगा जिससे कि हमें पता रहे की हम किसमे निवेश कर रहें हैं और उसके उपलब्ध में क्या लाभ की अपेक्षा रखते हैं।
  • ब्रांडिंग के क्षेत्र में समानता लानी होगी जिससे की बाहरी और अंदरूनी दुनिया के लिए हम एक प्रतीत हों।
  • आपस में ताल-मेल व सामंजस्य में सुधार करना होगा।
  • ग्राहकों के सामने एक चेहरा प्रस्तुत होना आवश्यक है।
  • हर क्षेत्र की लीडरशिप में वृद्धि ज़रूरी है जिससे की अपेक्षित परिणाम दे पाएँ।
  • पूर्ण समूह के ढाँचे पर ध्यान देना होगा जिससे की कार्य में स्पष्टता बनी रहे।

अगले दो माह में हमारा प्रयत्न होगा की समूह के हर हिस्से को ढर्रे पर लायें और साथ मिल कर लक्ष्य की ओर केन्द्रित रहें।

इसके अलावा हर क्षेत्र में प्रगति हो रही है और अपने कार्यों के लिए आप बधाई के पात्र हैं।

यश पैका ने नयी उचाइयाँ छुईं। प्रोडक्टिविटी और लाभ के नये पड़ाव पर पहुँचे। जागृति प्रोजेक्ट काफ़ी विचार विमर्श के बाद अपना ढाँचा ले रहा है और शीघ्र ही आपको प्रगति दिखेगी।

ग्वाटेमाला प्लांट भी प्रगति पथ पर है और फ़रवरी माह में हम आशा करते हैं कि कच्चे माल का सहयोग फाइनल हो जाएगा जिससे की हम प्रोजेक्ट प्लानिंग में लग पाएँ।

कंपोस्टेबल्स में आउटसोर्सिंग मॉडल रूप ले रहा है और मेरी आशा है कि अगले दो माह में हम ग्राहक की ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम बन पायेंगे।

इंपैक्ट की टीम में इज़ाफ़ा हो रहा है और फ्लेक्सिबल पैकेजिंग क्षेत्र में हम कैसे प्रगति करेंगे इसके निष्कर्ष पर शीघ्र ही पहुँचेंगे।

GCA के व्यापारिक मॉडल पर विचार विमर्श जारी है और आशा करते हैं कि अगले माह में सही ढाँचा उभर के आएगा।

स्किल्स और फाउंडेशन प्रगति कर रहें हैं और इस माह में नये इंफ्रास्ट्रक्चर की रूप रेखा उभर के आनी चाहिए।

आने वाला समय रोमांचक और चुनौतीपूर्ण रहेगा और हमें अपने कार्यों द्वारा प्रगति पथ पर लगे रहना है।

शुभकामनाओं सहित,

आपका,

वेद

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