
डॉ. आलोक मंदर्शन द्वारा आयोजित कार्यशाला में हैप्पी हॉर्मोन और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में चार मुख्य हैप्पी हॉर्मोन होते हैं—डोपामिन, सेरोटोनिन, ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन, जो हमें खुशी, संतोष और ऊर्जा का अनुभव कराते हैं।
हॉर्मोन | विशेषताएँ | असंतुलन के नुकसान | संतुलित करने के तरीके |
डोपामिन (Dopamine) | “रिवॉर्ड हॉर्मोन”, प्रेरणा और संतोष की भावना देता है | ज़्यादा होने पर नशे की लत, जोखिम भरा व्यवहार, कम होने पर आलस्य, उदासी | व्यायाम, लक्ष्य तय करना, हेल्दी डाइट, संगीत सुनना |
सेरोटोनिन (Serotonin) | “मूड स्टेबलाइज़र”, मानसिक शांति और खुशी बनाए रखता है | कमी होने पर डिप्रेशन, चिंता, चिड़चिड़ापन | ध्यान (Meditation), धूप में समय बिताना, योग, हेल्दी फूड |
ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) | “लव हॉर्मोन”, सामाजिक जुड़ाव और विश्वास बढ़ाता है | कमी होने पर अकेलापन, ट्रस्ट इशूज़, सामाजिक दूरी | अपनों के साथ समय बिताना, गले लगना, दूसरों की मदद करना |
एंडोर्फिन (Endorphins) | “नेचुरल पेनकिलर”, दर्द कम करता है और खुशी की अनुभूति कराता है | कमी होने पर तनाव, शारीरिक दर्द, मूड स्विंग्स | हंसी, एक्सरसाइज, डार्क चॉकलेट, म्यूजिक, पसंदीदा एक्टिविटी करना |
यह कार्यशाला मानसिक स्वास्थ्य और हैप्पी हॉर्मोनों के महत्व को समझाने का एक बेहतरीन प्रयास था, जिससे सभी को अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने की प्रेरणा मिली।