संबन्ध विकाश संघ

- अंकुर तिवारी

सितम्बर, 2021 |

प्राथमिक उपचार (First-Aid)

किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक उपचार कहते हैं | इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोट ग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो।

घटना के तीन कारण होते है:-
लापरवाही, अज्ञानता व जल्दबाज़ी

किन-किन परिस्थितियों में प्राथमिक उपचार जरूरी है:-
ऊंचाई पर जाने में समस्या होना, हड्डी टूटना,जलना, हृदयघात (हार्ट अटैक ), श्वसन मार्ग में किसी प्रकार का अवरोधक आ जाना, हीट स्ट्रोक, मधुमेह रोगी का बहोश होना, हड्डी के जोड़ो का विस्थापन होना, विष का प्रभाव, घाव- चोट आदि का प्राथमिक उपचार उपयोगी है।

प्राथमिक उपचार के पेटी में कौन-कौन सी सामग्री होनी चाहिए:-
बीटाडीन, रुई, बैंडेड, पेपर टेप, बंडेज 3″,सोफ़्रामाइसिन स्किन क्रीम,डेटॉल लोशन , आंख का ड्राप ,बेनाड्रिल सिरप,वोलनी स्प्रे, कैंची आदि।

दुर्घटना होने पर किए जाने वाले प्राथमिक उपचार:-

(i) इलेक्ट्रिक करंट लगने पर:-
सबसे पहले मेन स्विच से पावर ऑफ करें, अगर स्विच का ज्ञान ना हो तो सूखी लकड़ी या रबड़ की बेल्ट से व्यक्ति से तार को अलग करना चाहिए तत्पश्चात अगर व्यक्ति होश में है तो उसे गर्म दूध, गर्म चाय या कॉफी देना चाहिए, अगर सांस रुक गई हो तो उसे कृत्रिम श्वास देना चाहिए एवं तुरंत उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहि।

(ii)आग लग जाने पर –
सर्वप्रथम ज्वालनशील पदार्थ को आग से दूर ले जाना चाहिए जिससे आग और ना फैले, बिजली के स्विच को बंद कर देना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति आग से घिर जाए तो उसे सावधानी पूर्वक बाहर निकालना चाहिए एवं उसके शरीर पर लगी आग को कंबल इत्यादि से ओढ़ाकर बुझाना चाहिए| सोफ़्रामाइसीन स्किन क्रीम लगाकर उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

(iii) व्यक्ति को चोट लगने पर :-
सर्वप्रथम रक्त को बहने से रोकना है फिर डिटॉल इत्यादि से घाव को साफ करके उस पर आवश्यक दवा लगाना चाहिए एवंम तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

(iv) व्यक्ति की हड्डी टूटने पर :-
सर्वप्रथम हड्डी को उसके स्थान पर स्थिर रखने का प्रयास करना चाहिए, इसके लिए हड्डी को बांस की तीलियों से बांधकर तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

(v) सांप के काटने पर :-
सबसे पहले काटे हुए स्थान से ह्रदय की ओर कसकर बांध देना चाहिए जिससे जहर ह्रदय की ओर न बढ़ पाए. फिर साफ ब्लेड से सांप के काटे हुए स्थान पर कट लगाना चाहिए जिससे रक्त के साथ जहर बाहर निकल सके. किसी भी स्थिति में रोगी को सोने न दे एवं तुरंत उसे डॉक्टर के पास ले जाये।

सीपीआर कब देना चाहिए और इससे लाभ :-
यह आपातकालीन में प्रयोग की जाने वाली ऐसी प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति के अचानक गिर जाना और पूरी तरह अचेत अवस्था में चला जाने, ह्रदय की गतिविधियां बंद हो जाने के साथ साथ कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर दी जाती है क्यूंकि पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना शरीर की कोशिकाएं एवं मस्तिष्क की कोशिकाएं कुछ ही मिनटों में ख़त्म होने लगती है, जिससे गंभीर नुकसान या मौत भी हो सकती है. हालांकि अध्ययनों से पता चला है कि सही समय पर सीपीआर देने से व्यक्ति की बचने की संभावना दोगुनी हो जाती है।

सीपीआर कैसे देना चाहिए :-
सीपीआर में व्यक्ति की छाती को पम्प करना और उसे मुँह से सांस देना शामिल होते है. बच्चों और बड़ों को सी पी आर देने का तरीका अलग होता है।

टीम
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