TPM क्या है
TPM एक ऐसा कल्चर है जो कि प्लांट के अन्दर सभी लोगों को इन्वॉल्व करता है और जितनी भी पुरानी मशीनें हैं उसको ऐसे मेन्टेन करके रखता है जैसे की नई मशीनें हो जिससे कि वह ज्यादा से ज्यादा आउटपुट दे पाए और ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्टिव बन पाये।
इसीलिए TPM को हम मेडिकल साइंस ऑफ़ मशीन के नाम से भी जानते हैं इसके अंदर हम बसीकली मशीनों की इम्प्रूवमेंट को लेकर या मशीनों के आउटपुट को लेकर काम करते हैं।
TPM प्रत्येक वर्ड का मतलब:-
TPM तीन शब्दों से मिल कर बना है और हर एक शब्द का अपना एक मतलब है।
पहला शब्द है T:- Total जिसका मतलब है Involvement OF Everyone चाहे वो किसी भी लेवल का व्यक्ति हो यानी कि एक मैनेजर से लेकर एक वर्कर तक हम सभी लोगों को TPM एक्टिविटी में इन्वॉल्व होना होगा। साथ ही जितने भी डिपार्टमेंट, ग्रुप हैं व मशीन है सभी को TPM एक्टिविटी के अन्दर इन्वॉल्व होना होता है।
दूसरा शब्द है P:- Productivity जिसका मतलब है कि प्लांट की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना सारे वेस्टेज, लॉसेस को कम करना।
तीसरा शब्द है M:- Maintenance जिसका मतलब है कि जितनी भी हमारी मशीनें उनका आउटपुट बढ़ाना है और उनको परफॉरमेंस कम न हो और वैसा ही बना रहे जैसा कि शुरूआत में था जब उन्हें प्लांट में लाया गया था।
TPM Approach क्या है:-
TPM देखा जाए तो एक प्रकार से सोच में बदलाव लाना भी है पहले मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के अन्दर ऑपरेटर का यह attitude रहता था कि मेरा काम है मशीन चलाना है ना कि मशीन का रख रखाव करना।
यह पुरानी सोच थी लेकिन TPM ने इस सोच को बदल दिया है कि TPM Approach क्या है कि मशीन को मेन्टेन करना हम सभी की जिम्मेदारी है।क्योंकि जब मैं मशीन चलाता हूॅं तो मेरे से ज्यादा, मेरे से बेहतर कोई नहीं जानता मेरी मशीन के बारे में इसलिए TPM ने क्या किया कि अपना TPM Approach लेकर आया।
TPM Objective :-
TPM का Target होता र्है Zero Loss, Zero Defect, Zero Breakdown, Zero Accident.
पहला ऑब्जेक्टिव र्है – Zero Loss :- ताकि प्लांट के अन्दर जितनी भी प्रोडक्ट्स हैं उसका कभी भी लॉस नहीं होना चाहिए जिससे कि हमारा प्रॉफिट लॉस ना हो।
दूसरा ऑब्जेक्टिव र्है Zero Defect:- ताकि मशीनों को ऐसे maintain किया जाए, ऐसे सिस्टम या ऐसे प्रोसीजर बनाएं ताकि डिफेक्ट प्रूफ मटेरियल बना सके ऐसा ना हो कि पहले मटेरियल बना लिया फिर बाद में चेक करना पड़ रहा है कि कौन सा ओके है और कौन सा नहीं।
तीसरा ऑब्जेक्टिव र्है Zero Breakdown:- ताकि प्लांट के अन्दर जितनी भी मशीनें हैं उनमें कभी भी ब्रेकडाउन नहीं आना चाहिए जिससे कि हमारा टाइम लॉस ना हो और प्रोडक्टिविटी लॉस ना हो।
चौथा ऑब्जेक्टिव र्है Zero Accident:- ताकि मशीनों के अन्दर कोई एक्सीडेंट ना हो, प्लांट के अन्दर कोई एक्सीडेंट ना हो, मैनपावर से संबंधित कोई ।एक्सीडेंट ना हो।
8 Pillars of TPM:-
जब भी हम कोई घर बनाते हैं तो उसमें तो उसमें दो चीजें मुख्य होती हैं पहला छत तो दूसरा उस घर का फांउडेशन उसी तरह से तपम का जो घर है उसका Base/Foundation है – “5 S”
“5 S” एक ऐसा कार्य स्थल प्रबंधन का तरीका है जिसमें कि जो भी वेस्टेज है उनको कम किया जाता है, व्यवस्थित तरीके से सामानों को रखा जाता है और एक्सीडेंट कम से कम हो इस चीज का ध्यान रखा जाता है।
1 – Autonomous Maintenance (Jishu Hozen)
ऑटोनोमस मेंटेनेंस का मतलब है कि अगर मैं मशीन चला रहा हूॅं तो मैं ही उसके लिए जिम्मेदार हूॅं, मैं ही उसका मालिक हूं, मैं ही उसे मेन्टेन करता हूं ऐसा नहीं है कि मैं मशीन चला रहा हूं और उसको मेन्टेन करने के लिए कोई दूसरा आएगा।
जब आप मशीन को ऑन करते है तो उसके क्लीनिंग की, लुब्रिकेशन की, इंस्पेक्शन की, टाइटिंग की जिम्मेदारी आपकी ही होगी। इस प्रकार मशीन को Start करने से पहले इन सारी चीजों का चेक करें तभी मशीन को स्टार्ट करें इन्हीं सब कारणों के कारण ऑटोनोमस मेंटेनेंस को TPM हाउस का सबसे स्ट्रांग पिलर माना जाता है।
2- Focused Improvement (Kobetsu – Kaizen)
इसमें आपको अपने – अपने एरिया में जो गैप देखते हैं या जो भी कमियां दिखाई देती हैं उनको आडेंटीफाय करके दूर करना है, जिससे कॉस्ट कम हो और प्रोडक्टिविटी बढ़े।
3- Planned Maintenance
इसके अंतर्गत हम क्या करते हैं कि हमारे पास जितने भी Equipment है या जितनी भी हमारी मशीनें हैं उनकी हम Maintenance की Planning करते हैं उदाहरणस्वरूप अगर कोई मशीन 1000 घंटे चलने के बाद अपनी उत्पादन क्षमता को कम देती है तो हम इसका 950 घंटे चलने के बाद ही Maintenance कर देंगे। यह सब ठीक वैसा ही है जैसा कि हमारी गाड़ी की सर्विसिंग में होता है।
4 – Quality Maintenance
इसके अंतर्गत हम मटेरियल की क्वालिटी को ध्यान में रखते हैं यह बोलता है कि हमें मटेरियल को एक ही बार में परफेक्ट बनाना है ऐसा ना हो कि पहले मटेरियल बना लिया फिर बाद में चेक करना पड़ रहा है कि कौन सा ओके है और कौन सा नहीं। इस प्रकार हमें मटेरियल को बनाने के लिए ऐसे मेन्टेन करना है ऐसे सिस्टम व प्रोसीजर को डेवेलोप करना है जिससे कि जीरो डिफेक्ट मटेरियल प्रोडूस हो।
5- Early Equipment Management
इसका दूसरा नाम डेवलपमेंट मैनेजमेंट है इसके अंतर्गत हम प्री प्लानिंग करते हैं जैसे हम कोई नया प्रोडक्ट लांच करने वाने हैं या कोई नई मशीन लेने वाले हैं तो हम पहले से ही प्लानिंग कर लेगें कि उसमें क्या क्या दिक्कतें आ सकती है, क्या क्या चीजों की जरूरत पड़ सकती है ताकि हम डे 01 से ही उसका पूरा आउटपुट ले पाए।
6. Education And Training
इसके अंतर्गत हम टारगेट करते हैं कि हमारे जितने भी एम्प्लोयी हैं चाहे वो किसी भी लेवल का व्यक्ति हो यानी कि एक मैनेजर से लेकर एक वर्कर तक, हम यह सुनश्चित करें कि वह जो भी काम कर रहे हो उसके लिए वो फुल्ली ट्रैन हो जैसे अगर मैं मशीन चला रहा हूॅं तो मुझे उस मशीन के रिगार्डिंग पूरी नॉलेज होनी चाहिए।
7 – Safety, Health & Environment (SHE)
बहुत सारे लोग इसे HES के नाम से भी जानते हैं इस पिलर का ऑब्जेक्टिव होता है कि हम एक ऐसा एनवायरनमेंट पैदा करें जिसमें जीरो एक्सीडेंट हो यह कैसे होगा जब हम ऐसे एरिया को ढूढ़ कर टारगेट करें जिसमे एक्सीडेंट होने की संभावना ज्यादा हो।
8- Office TPM/ TPM In Administration
कुछ लोग इसे Office TPM का मतलब समझतेे कि हमें TPM Activity Office में करनी है लेकिन Office TPM का मतलब है कि जो भी एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ है वो मदद करेगा टेक्निकल स्टाफ की बाकी के साथ 7 पिलर को इम्प्लीमेंट करने में मदद करेगा। मदद वह कुछ इस तरह करेगा कि वो एक चेकलिस्ट बना देगा जिाके माध्यम से टेक्निकल स्टाफ काम कर सकता है।
TPM Benefits :-
तपम उपकरण के रखरखाव के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है जो पूर्ण उत्पादन प्राप्त करने का प्रयास करता है और इस को अपनाने के निम्न फायदे हैं। मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के अन्दर ऑपरेटर का यह ऐटिटूड रहता था कि मेरा काम है मशीन चलाना है न कि मशीन का रखरखाव करना।
• कोई ब्रेकडाउन नहीं ।
• किसी भी प्रकार के एक्सीडेंट होने की सम्भावना नगण्य हो जाती है।
• प्रोडक्ट की क्वालिटी परफेक्ट होती है यानी कि अच्छा प्रोडक्ट बनता है और एक ही बार में बनता है।
विवेक कुमार मिश्रा
अमृत अर्जन