नई सोच: कच्चा माल व्यापार संघ – मोहित श्रीवास्तव

अक्टूबर, 2022 |

पोषण से भरपूर गन्ने की खोई:

देश में गन्ने की पेराई से प्रतिवर्ष लगभग 900 लाख टन खोई निकलती है। बिजली बनाने में इसका इस्तेमाल किए जाने के बाद भी 45 लाख टन यह बच जाती है। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (NSI) के विशेषज्ञों द्वारा एक अनोखा प्रयोग किया गया है, जिससे किसानों और चीनी कारखानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। दरअसल, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान द्वारा गन्ने की खोई और गुड़ से एक सेहत भरा बिस्किट तैयार किया है। यह बिस्किट विटामिन, और कैल्शियम से भरपूर है और खोई के फाइबर ने इसे अधिक गुणकारी बना दिया है। विटामिन ‘सी’ व अन्य पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी के कारण यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है। विभिन्न फ्लेवर की वजह से यह बिस्किट बच्चों के साथ हर उम्र के लोगों को भाएगा। संस्थान के विशेषज्ञों ने इस तकनीक को पेटेंट करवाया है। अब यह तकनीक किसी कंपनी को देने की तैयारी है, ताकि इसी वर्ष बिस्किट बाजार में आ सके।

क्या है बगास?         

गन्ने को पेरकर (क्रश करके) रस निकालने के बाद बचा ठोस पदार्थ बगास कहलाता है। शुरुआत में लोग इसका उपयोग नहीं जानते थे, लेकिन आजकल यह जैव ईंधन या कागज बनाने के लिए नवीकरणीय स्रोत के रूप में प्रयुक्त होता है। यह गृह निर्माण के लिए सामग्री के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। गन्ने की खोई से आजकल क्रॉकरी भी बनाई जा रही है, जो पूरी तरह से बॉयोडिग्रेडेबल है।

देश में चीनी मिलों में गन्ने की पेराई के बाद उसकी खोई बच जाती है। कुछ चीनी मिलें इसको ईधन के तौर पर इस्तेमाल करती हैं। एनएसआई के विशेषज्ञों ने किसानों और चीनी कारखानों को अतिरिक्त लाभ दिलाने के लिए यह तकनीक विकसित की है।

गन्ने की खोई और गुड़ से बनाया बिस्किट :   

गन्ने की खोई को फाइबर की तरह तैयार किया गया है। इसमें वही उत्पाद मिलाए गए है, जो बिस्किट बनाने में इस्तेमाल किए जाते है। जैसे, इसमें बेकिंग पाउडर, क्रीम, फैट आदि शामिल है। बता दें कि गुड़ का इस्तेमाल चीनी की जगह किया गया है, जो बिल्कुल चीनी की तरह मिठास देता है। यह ज्यादा गुणकारी भी है। खास बात यह है कि इस बिस्किट को कई फ्लेवर में तैयार किया जा सकता है। मुख्यतः गन्ने की खोई और गुड़ से तैयार बिस्किट में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर, विटामिन ‘बी’,’सी’ और ‘ई’ की मात्रा अधिक है।

रोगियों के लिए लाभदायक:  

गन्ने की खोई और गुड़ से बने बिस्किट में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए इसके सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो सकती है। यह बिस्किट, टाइप-टू डायबिटीज में भी फायदेमंद है। इसके साथ ही पेट की दिक्कत और अन्य रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए यह खासतौर पर फायदेमंद है। विशेषज्ञों का दावा है कि खून में कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में भी यह सहायक है। गुड़ की वजह से इसके आयुर्वेदिक लाभ हैं।

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