शक्ति गुणांक
ऐसी विद्युत शक्ति पर काम कर रहे किसी भार (लोड) द्वारा लिये गये वास्तविक शक्ति (Real power) तथा आभासी शक्ति (Apparent power) के अनुपात को शक्ति गुणक या शक्ति गुणांक (Power factor) कहते हैं। शक्ति गुणांक का संख्यात्मक मान शून्य और १ के बीच में होता है।
शक्ति गुणक = P / S
लोड द्वारा लिये गये शक्ति के औसत मान को ‘वास्तविक शक्ति’ कहते हैं (एक पूरे आवर्त काल के लिये लिया गया माध्य)। यही शक्ति लोड में ऊष्मा में बदलती है, यांत्रिक कार्य करती है या किसी अन्य प्रकार की ऊर्जा में बदलती है। जबकि आभासी शक्ति केवल एक गणितीय राशि है जो लोड के सिरों के बीच के वोल्टेज और लोड से होकर प्रवाहित धारा (दोनों का वर्ग माध्य मूल (RMS) मान) के गुणनफल के बराबर होती है। शक्ति गुणांक विभवान्तर तथा धारा के बीच के कलान्तर (phase difference) के कोज्या (cosine) के बराबर होता है।
शक्ति गुणक = P / S = Cos (ϕ)
अर्थात शक्ति गुणांक अच्छा होने के लिये जरूरी है कि वोल्टेज और धारा के बीच में कलान्तर बहुत कम हो। जब धारा, वोल्टेज से पीछे होती है (current lags voltage) तो इसे ‘लैगिंग पॉवर फैक्टर’ कहते हैं; जब धारा, वोल्टेज से आगे होती है तो इसे ‘लीडिंग पॉवर-फैक्टर’ कहा जाता है। उद्योगों में इंडक्शन मोटर एवं अन्य प्रेरकत्व-युक्त लोडों के कारण शक्ति-गुणांक प्रायः पिछड़ा हुआ (लैगिंग) ही रहता है।
शक्ति गुणक का महत्व
किसी लोड द्वारा १ से बहुत कम शक्ति गुणांक पर विद्युत शक्ति लेना अच्छा नहीं माना जाता और अधिकतर बिजली आपूर्ति करने वाली कम्पनियाँ इसके लिये कुछ दण्ड का प्रावधान रखतीं हैं। कम शक्ति गुणांक का सीधा सा अर्थ यह है कि जो काम ‘युटिलिटी’ से कम धारा लेकर ही किया जा सकता उसके लिये अधिक धारा ली जा रही है। इस अधिक धारा लेने के कारण ट्रांसमिशन लाइन में शक्ति-क्षय (पॉवर लॉस) बढ़ता है; ट्रान्सफार्मर, सर्किट ब्रेकर एवं अन्य चीजें अधिक रेटिंग की लगानी पड़तीं हैं।